इमारत की दीवार पर लटका दी 440 जोड़ी जूतियां

नई दिल्ली  दुनियाभर में लोग अनोखे काम करने के लिए लगे रहते हैं जिससे उनकी अलग ही पहचान बन सके। कोई अपनी मांग मांगवाने के लिए अलग तरीका अपनाता है तो कोई विरोध करने के लिए। इस तरह के कारनामे करके वो लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं। कुछ दिन पहले तुर्की में भी एक ऐसा ही प्रदर्शन देखने को मिला। इसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। अब से पहले कभी इस तरह का प्रदर्शन न तो देखा गया न ही सुना गया। तुर्की में एक प्रदर्शनकारी ने अपनी अनोखी कला के जरिए लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।


इमारत की दीवार पर लगा दी ऊंची एंडी वाली जूतों की लाइन 


भारत में किसी घर में किसी की मृत्यु हो जाने पर उसका सारा सामान घर के बाहर कहीं फेंक आने की परंपरा है। उसमें कपड़े लत्ते और अन्य चीजें शामिल रहती हैं। इसी तरह से तुर्की में भी किसी की मौत हो जाने पर उसके जूते घर के बाहर रखने की परंपरा है। कलाकार नई-नई चीजों की खोज करते रहते हैं। तुर्की के कलाकार वाहत त्यूना ने जूते बाहर रखे जाने की परंपरा का इस्तेमाल करते हुए विरोध स्वरूप यहां एक ऊंची इमारत पर 440 जोड़ी जूतियां टांग दी।  


घरेलू हिंसा में मरने वाली महिलाओं की याद में प्रदर्शनी 


वाहत त्यूना ने 2018 घरेलू हिंसा के कारण मरने वाली महिलाओं की याद में 260 वर्गफुट में जूतियों की ही प्रदर्शनी लगा दी। उन्होंने इस्तांबुल की एक मशहूर सड़क की एक ऊंची इमारत पर ऊंची एड़ी वाले 440 जूतियां लटका दीं। उन्होंने बताया कि इतनी जूतियां 2018 में घरेलू हिंसा के कारण मरने वाली महिलाओं की याद में लटकाई गई हैं। उन्होंने खुद ही बताया कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के विरोध का ये अनोखा तरीका पहली बार अपनाया गया है। बाजार में प्रदर्शनी के जरिए लोगों को ये बताने की कोशिश की गई कि महिलाओं के खिलाफ अपराध रूक नहीं रहे हैं। उनका मानना है कि विरोध के इस तरीके से जागरूकता पैदा होगी और लोग महिलाओं के खिलाफ करने वाले अपराध के प्रति जागरूक होंगे।


भारत की तरह तुर्की में भी महिलाएं सुरक्षित महसूस नहीं करती 


जूतियों के जरिए विरोध प्रदर्शन के तरीके की तुर्की में काफी चर्चा हो रही है। स्थानीय महिलाओं का कहना है कि तुर्की की गलियों में चलते हुए वो अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करतीं। लड़कियों का कहना है कि वो जब अपने घर से बाहर निकलती है तो भगवान को याद करती रहती है, साथ ही ये प्रार्थना भी करती हैं कि वो सकुशल अपने घर वापस पहुंच जाएं।